Friday, December 16, 2011

उफ !!! कैसी-कैसी आवाज


हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में न जाने कितनी ही तरह की आवाज हमारे कानों में आती है। यही आवाज हमारी जिंदगी का भी हिस्सा बन जाती है। रोज सुनाई देने वाली आजाव एक दिन न आए तो कुछ खलीपन लगता है और रोज जब यही आवाज सुनाई देती है तो कभी-कभी झुंझलाहट भी आती है। मेरी तो पहचान इतनी तरह की आवाजों से हो गई है कि अब दूसरे शहर में जाने से उन आवाजों की कमी सी लगने लगती है। अगर बहुत सुबह अपने आप आंख खुलती है तो कभी पहली अजान की आवाज आती है फिर नींद लग जाती है तो घर के पीछे मंदिर की आवाज।
यही नहीं पड़ोस वाले चौहान अंकल की भक्ति भावना तो ऐसे फूटती है कि सुबह 6 बजे इतनी तेज आवाज में भक्ति संगीत लगते हैं कि खिड़की-दरवाजे चीरती हुई आवाज कानों में आती है। फिर मीठी नींद लगने को होती है तो सात बजे से मम्मी की आवाज। क्योंकि मॉनिंग वॉक बंद है इसलिए कुछ दिन से चिडिय़ा और आपस में खेलते जानवारों की आवाज नहीं सुन पा रही हूं। नींद खुलने बाद से ही मम्मी की शिकायतें, पापा का न्यूज या स्पोटर्स चैनल की आवाज। तैयार होते-होते नीचे वाले फ्लैट की आंटी की आवाज जो झाड् लगाते हुए पूरे मोहल्ले से बात कर लेती है।
तैयार होकर कॉलोनी से बाहर बस स्टॉप तक आओ तो गाडिय़ों की चिल-पौं, इस पर गला फाड़-फाड़ कर ग्रामीण सेवा ऑटो से आवाज ...आनंद विहार...आनंद विहार...फिर नोएडा के लिए ऑटो ढूंढना नहीं पड़ता हाइवे के कोने में पहुंचते ही शेयरिंग ऑटो वालों की बासठ-बासठ-खोड़ा-कला पत्थर.....ऑटो में बैठते ही ऑटो वालों के सुपरफेमस गानों -तुम तो ठहरे परदेसी....साथ क्या निभाओगे की आवाज....फिर रिक्शा की घंटी की आवाज, ऑफिस में आकर काम शुरू करते ही की-बोर्ड की खटखट आवाज ऑफिस में किस्म -किस्म के लोगों की आवाज, बीच में बीच में बजते मोबाइल फोन की आवाज तो ऑफिस और घर के लैंडफोन की आवाज। यही करते हुए घर वापस। इन आवाजों के बिना तो एक दिन भी सोचना मुश्किल है। आवाज आवाज और आवाज ...

5 comments:

  1. imagine kijiye beawaz zindagi kaisi hogi....
    So, uff nahi aha ye awaz ki duniya kitni khoobsurat hai... keep blogging :)

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  2. Aur mohtarma, aapki bhi sureeli aawaz... Kuch aawaze achchi hoti hai.. :) niceee

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  3. aur mohtarma aapki sweet si aawaz.... niceee.... kuch aawaz achchi hoti hain.. :)

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  4. @ anonymous : yep u r rite.. chaliye is baat par uff ki jagah aahh laga denge :)

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  5. @ aap aur hum : ohh haan meri bhi toh aawaz hai :) :)

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