Monday, March 21, 2016

तरह-तरह की आवाजों से आज़ाद सुबह

यहां की सुबह शहरों की सुबह से बिल्कुल अलग है. तरह-तरह की आवाजों से आज़ाद, खुली और ताज़गी से भरी हुई. यहां आवाजें हैं हवा के साथ पत्तों के सरकने की, आवाजें चहकती चिड़ि‍यों की, फूलों में मंडराते भंवरों की. इन दिनों यहां एक और हल्की आवाज और सुनाई दे रही है, वो आवाज़ है: महुआ की! 
भोर की ख़ामोशी में महुआ के पेड़ के पास से थोड़ी-थोड़ी देर में एक धीमी-सी आवाज़ सुनाई पड़ती है. महुआ के पके फलों की पेड़ से गिरने की आवाज़. सूरज की रोशनी के साथ ही पेड़ के नीचे दिखती है पीले रंग की एक चादर. खूबसूरत, छोटे, गोल-गोल पीले फलों की चादर, खुशबू से भरे हुए मीठे फल. 
पेड़ों से सभी पत्तियां झड़ चुकी हैं, फल पक कर टपक रहे हैं और लाल-लाल छोटी पत्तियां नए मौसम के आने की ख़बर दे रही हैं!
#PenchTigerReserve
#KohkaWildernessCamp
#JungleLife

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