Monday, March 21, 2016

यादों की खिड़की



एक पुराने घर में यादों की खिड़की खोली है. धूल की परतों के बीच भी कभी यहाँ रहने वाले बच्चों का बचपन झाँक रहा है. घर का हर कोना एक कहानी बता रहा है, किसी के प्यार की तो किसी की शरारतों की!
ब्लैक एंड व्हाइट तसवीरें सबकी रंगों से भरी ज़िन्दगी बयां कर रही है. एहसासों में लिपटे पुराने ख़तों में आज भी ताज़गी है. शेल्फ पर रखा तबला मानो कह रहा है कि कभी इसकी ताल से पूरा घर गूंजता था.
खिलौने धूल से सने कोने में पड़े हैं. कमरों में सन्नाटा है. रसोई सूनी पड़ी है. आँगन के झूले में अब सिर्फ चिड़िया झूलती है, लेकिन सालों से बंद इस घर में सफ़ेद गुलाब से पौधा अब भी लदा हुआ है. यहाँ की यादों की हर खिड़की-दरवाज़े को खोल दिया है, जिससे इसकी महक इसके अपनों तक पहुंचे!

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